नई दिल्ली:
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के मुद्दे को लेकर विपक्ष ने एकजुट होकर हमला किया है और बैलट पेपर की वापसी की मांग की है. लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण के दो दिन बाद आज यानी रविवार दोपहर में करीब 20 दलों ने एक साथ ईवीएम में गड़बड़ी को ले कर बैठक की और कहा कि कम से कम 50 प्रतिशत मतदान पर्चियों का मिलान ईवीएम से कराए जाने की मांग को लेकर वे उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे. हालांकि, विपक्ष ने चुनाव आयोग से बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने की मांग की थी, मगर लोकसभा चुनाव जारी है और इतने कम सयम में इसकी व्यवस्था नहीं की जा सकती, इसे देखते हुए विपक्ष ने कहा कि इस चुनाव में कम से कम 50 फीसदी मतदान पर्चियों का मिलान करने की व्यवस्था हो.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि हम ईवीएम के बारे में संदेह उठा रहे हैं. मतदाता का विश्वास केवल पेपर ट्रायल मशीनों के माध्यम से ही बहाल किया जा सकता है. यहां तक कि जर्मनी जैसा उन्नत देश भी पेपर बैलट का इस्तेमाल करता है. नीदरलैंड्स में भी अब बैलेट पेपर से ही चुनाव हो रहे हैं. वहीं, कांग्रेस ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे के निपटान के लिए चुनाव आयोग पर्याप्त प्रयास कर रहा है.
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी: हम 21 पार्टियों का पक्ष रख रहे हैं. फिर से सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. चुनाव की प्रक्रिया पर बार बार सवाल उठे हैं. आयोग इस पर ध्यान नही दे रहा है. फर्स्ट फेज में बटन किसी और पर दबता था तो वोट किसी और को जाता था. रोचक बात है कोर्ट ने हमारी दलील मानी है. चुनाव की विश्वसनीयता के लिए हम उच्चतम न्यायालय से कहेंगे कि 50 फीसदी वीवीपीएटी की गिनती हो. पहले जब हाथ से गिनती गिनते थे तो पांच दिन नही लगते थे. हम देशभर में अभियान भी चलायेंगे. हम उच्चतम न्यायालय जाएंगे और ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे पर देशव्यापी अभियान चलाएंगे.
चन्द्रबाबू नायडू : दुनिया मे 191 देशों में केवल 18 देशों में ईवीएम से मतदान होते हैं. चुनाव आयोग कोर्ट में गलत बोल रहा है. एक विधानसभा में अधिक से अधिक 24 घंटा लगेगा. मैं हार की वजह से आरोप नहीं लगा रहा हूं. मैं सौ फीसदी चुनाव जीत रहा हूं. हमलोग फ्रेश याचिका दायर करेंगे. चुनाव आयोग निष्पक्ष क्यों नही काम कर रहा है.
कपिल सिब्बल- हमें मतदाता पर विश्वास है लेकिन मशीन पर नहीं. चुनाव आयोग विविपैट की मांग क्यों अनसुनी कर रहा है. 170 फीसदी मतदाता चाहते हैं कि वीवीपीएटी से मतदान हो. हमे 24 घंटे के लिए मशीन दें हम बता देंगे गड़बड़ी. ये कोर्ट के लिये मुश्किल होती है वो ग्राउंड में नही देख पाता है.
अरविंद केजरीवाल: देश के लोगो को ईवीएम पर भरोसा नहीं है. लोकतंत्र पर सवाल है. आज एक पार्टी को छोड़कर सभी बैलेट पेपर की मांग कर रहे हैं. काउंटिंग करने में एक दिक्कत है. केवल बीजेपी सपोर्ट करती है क्योंकि उनको लाभ होता है. खराब मशीन भी बीजेपी को ही वोट देती है. इसकी जांच क्यों नहीं होती है. ईवीएम जानबूझ कर खराब की जा रही है ताकि बीजेपी को फायदा हो. विपक्ष को हराने के लिए और वोट कटवाने के लिए बीजेपी ऐसा कर रही है. ईवीएम के अंदर कोई खामी नहीं है, भाजपा उनके साथ छेड़छाड़ कर रही है. मर्द है मैदान पर आओ.
बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पांच मतदान केन्द्र पर किसी भी मतदान पर्ची का ईवीएम का अधिक से अधिक मिलान किया जाए. उसने कहा था कि इससे ना केवल राजनीतिक दलों बल्कि सभी मतदाताओं को भी काफी संतुष्टि मिलेगी.
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